India News (इंडिया न्यूज), Shatrughan Sinha’s Statement: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लोकसभा सांसद और चर्चित अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बयान देकर देश में फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की बहस को गर्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश की जरूरत है और इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे लागू करने से पहले व्यापक विचार-विमर्श जरूरी है ताकि सभी वर्गों की राय ली जा सके।
UCC की करी तारीफ
सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने उत्तराखंड में लागू हुए यूसीसी की तारीफ करते हुए इसे एक सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गुजरात सरकार ने इसके मसौदे को तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। यही कमेटी उत्तराखंड के यूसीसी मसौदे को भी तैयार कर चुकी है।
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सर्वदलीय बैठक की मांग
शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बयान में कहा कि यूसीसी में कई पेचिदगियां हैं, जिन पर विचार करना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे लागू करने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए ताकि सभी दलों और वर्गों की राय ली जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूसीसी को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे समझदारी और सावधानीपूर्वक लागू करना चाहिए ताकि इसके सकारात्मक परिणाम मिलें।
नॉनवेज बैन की वकालत
शत्रुघ्न सिन्हा ने बीफ बैन का मुद्दा भी उठाया और इसके समर्थन में बयान दिया। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में बीफ पर प्रतिबंध सही फैसला है। उन्होंने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “बीफ बैन ही क्यों, पूरे देश में नॉनवेज बैन कर देना चाहिए। यह मेरी निजी राय है।” उन्होंने केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीफ बैन को लेकर देश में दोहरी नीति नहीं चल सकती। “नॉर्थ इंडिया में बीफ को बैन कर दिया गया है, जबकि नॉर्थ ईस्ट में इसे खुले तौर पर खाया जाता है। यह मम्मी और यम्मी वाली नीति नहीं चलेगी। पूरे देश के लिए एक समान नियम होना चाहिए,” उन्होंने कहा।
चर्चा और सहमति पर दिया जोर
टीएमसी सांसद ने कहा कि अगर यूसीसी को सावधानीपूर्वक लागू किया जाएगा और पहले इस पर हर वर्ग की राय ली जाएगी, तो इसके सकारात्मक प्रभाव सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने का उद्देश्य केवल कानून बनाना नहीं, बल्कि देश की एकता और समरसता को मजबूत करना होना चाहिए।
राजनीतिक सफर पर नजर
गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बड़े नेता थे। लेकिन पार्टी नेतृत्व से मतभेद के चलते उन्होंने 2019 में कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसके बाद वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। शत्रुघ्न का यह बयान चर्चा का विषय बन गया है और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल सकती हैं।