India News (इंडिया न्यूज), UCC in Controversy: उत्तराखंड में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को लागू किया गया था। अब इसको लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बता दें कि इस कानून के ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के प्रावधान को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने इसे कानून को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ और असंवैधानिक बताया है। इसको लेकर आज मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हो सकती है।
खबरों की माने तो UCC कानून को लेकर मुस्लिम सेवा संगठन समेत कई अल्पसंख्यक संगठनों ने UCC के विभिन्न प्रावधानों का विरोध जताया था। अब हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होने जा रही है, जिससे उत्तराखंड में लागू UCC की वैधता को लेकर कानूनी बहस तेज हो गई है।
UCC के विभिन्न प्रावधानों को कोर्ट में चुनौती
भीमताल निवासी और पूर्व छात्र नेता सुरेश सिंह नेगी ने UCC के विभिन्न प्रावधानों को जनहित याचिका (PIL) के रूप में हाईकोर्ट में चुनौती दी है। UCC के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है। यदि कोई जोड़ा बिना रजिस्ट्रेशन के लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
1. सजा का प्रावधान: बिना रजिस्ट्रेशन लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ो 6 महीने की जेल या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
2. व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन: याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता (Right to Privacy) के खिलाफ है।
3. वैवाहिक नियमों की अनदेखी: याचिका में मुस्लिम, पारसी और अन्य समुदायों की अलग-अलग वैवाहिक परंपराओं की अनदेखी करने का आरोप।
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12 फरवरी को हाईकोर्ट में यूसीसी पर क्या होगा?
आपको बता दें कि 12 फरवरी यानी की आज हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद तय होगा कि UCC के ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ प्रावधानों को वैध माना जाएगा या नहीं। अगर कोर्ट याचिका स्वीकार करता है, तो सरकार को इस कानून में बदलाव करने पड़ सकता है। अगर याचिका खारिज होती है, तो उत्तराखंड में UCC के तहत बने सभी नियम लागू रहने वाले हैं। उत्तराखंड में UCC कानून को लागू करने के बाद ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के प्रावधानों पर विवाद खड़ा हो गया है। अनिवार्य रजिस्ट्रेशन और बिना रजिस्ट्रेशन सजा के प्रावधान को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। बता दें कि यह मामला अब कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है और आज इसको लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है।