India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Government: उत्तराखंड राज्य में धार्मिक यात्रा की व्यवस्था और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार जल्द ही ‘धर्मस्व और तीर्थाटन परिषद’ का गठन करने जा रही है। इस परिषद का उद्देश्य राज्य में धार्मिक स्थलों और यात्रा मार्गों की बेहतर निगरानी और प्रबंधन करना है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो सके। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तैयार हुआ है और निकाय चुनाव के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में पेश किया जा सकता है।

कार्यों की रूपरेखा तैयार

मुख्यमंत्री के निर्देश पर उच्चस्तरीय समिति ने परिषद के गठन, संचालन और उसके कार्यों की रूपरेखा तैयार की है। इस समिति का नेतृत्व अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन कर रहे हैं। समिति ने एक त्रिस्तरीय संरचना का प्रस्ताव रखा है, जिसमें प्रमुख निर्णय लेने का काम मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समितियों के जिम्मे होगा। वहीं, गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में स्थित मण्डलायुक्तों के नेतृत्व में क्रियान्वयन समितियां बनेंगी, जो योजना को धरातल पर लागू करेंगी।

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यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित

उत्तराखंड में हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम, हेमकुंड साहिब, कांवड़ यात्रा और अन्य मेलों में हिस्सा लेने आते हैं। इन यात्राओं के दौरान भीड़ प्रबंधन, यातायात, पंजीकरण और मौसम से जुड़ी समस्याएं अक्सर सरकार के लिए चुनौती बनती हैं। नई परिषद इन समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करेगी और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

परिषद के गठन के लिए ड्राफ्ट तैयार

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, परिषद के गठन के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और इस पर हितधारकों से सुझाव भी लिए गए हैं। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव के बाद परिषद के गठन पर आधिकारिक मंजूरी मिल जाएगी। इससे राज्य में तीर्थाटन के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है, जिससे उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से चलाया जा सकेगा।

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