India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Government: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि राज्य में जनवरी 2025 से UCC लागू होगा। सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगाई गई, और अब इसे लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। संभावना है कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर इसे औपचारिक रूप से लागू किया जा सकता है।
क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)?
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, संपत्ति अधिकार और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर समान कानून लागू करना है। यह कानून धर्म, जाति, संप्रदाय से परे सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है। वर्तमान में विभिन्न धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ लागू हैं, लेकिन UCC लागू होने के बाद सभी के लिए एक समान कानून होगा।
UCC से क्या बदलाव आएंगे-
1. शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन: शादी का रजिस्ट्रेशन ग्राम सभा स्तर पर भी किया जा सकेगा।
2. तलाक पर एक समान कानून: सभी धर्मों में तलाक के लिए एक समान नियम लागू होंगे।
3. बहुविवाह पर रोक: किसी भी धर्म के व्यक्ति को एक से अधिक विवाह करने की अनुमति नहीं होगी।
4. शादी की उम्र समान: लड़कियों की शादी की उम्र सभी धर्मों के लिए 18 वर्ष तय होगी।
5. गोद लेने के समान अधिकार: सभी धर्मों के लोगों को बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा, लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
6. महिलाओं को समान अधिकार: उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर हिस्सा मिलेगा।
7. लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण: लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी रूप से मान्यता दी जाएगी और इसका रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा।
UCC लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे और यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
कैसे हो रही है तैयारी
UCC को लागू करने के लिए राज्य में व्यापक तैयारी की जा रही है। सरकारी अधिकारियों को UCC पोर्टल के संचालन के लिए ट्रेनिंग दी गई है। 23 जनवरी को राज्यभर में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। UCC लागू करने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यह कानून अपनाने वाला पहला राज्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक कदम बताया है, जो समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा।
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