India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand National Games: उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय खेलों में इस बार शानदार प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया है। प्रदेश के खेल प्रेमी खिलाड़ियों की उपलब्धियों से उत्साहित हैं। पदक तालिका में उत्तराखंड ने अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राज्य 70 पदकों के करीब पहुंच चुका है और टॉप टेन राज्यों में शामिल हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि राज्य अब “खेल राज्य” बनने की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है।

खिलाड़ियों की मेहनत लाई रंग

उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने इस बार उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। 10 हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतने वाली सोनिया इसका उदाहरण हैं। सभी पदक विजेताओं ने अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के दम पर यह उपलब्धि हासिल की है। खास बात यह है कि इस बार खिलाड़ियों में सरकारी नौकरी पाने की ललक भी पदक जीतने की एक बड़ी प्रेरणा रही।

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पहाड़ी राज्य का ऐतिहासिक प्रदर्शन

पिछले राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन इतना प्रभावी नहीं था। गोवा में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य 25वें स्थान पर था और मात्र 24 पदक जीत सका था। लेकिन इस बार घरेलू परिस्थितियों में राज्य ने अपनी क्षमताओं का भरपूर उपयोग करते हुए ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।

दूसरे राज्यों से सबक लेने की जरूरत

हालांकि अन्य राज्यों के अनुभवों से उत्तराखंड को सबक लेने की जरूरत है। कई मेजबान राज्यों ने घरेलू खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन दूसरे राज्यों में दोहराने में असफल रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य को खेल राज्य बनाने के लिए बेहतर ढांचागत सुविधाएं और उनका उचित उपयोग जरूरी है। उत्तराखंड के लिए यह समय खेलों को बढ़ावा देने का है। यदि राज्य सरकार खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं और समर्थन प्रदान करती है, तो उत्तराखंड सच में खेल राज्य बनने के अपने सपने को पूरा कर सकता है।

भविष्य की तैयारी जरूरी

उत्तराखंड में खेल सुविधाएं बेहतर हैं, लेकिन उनके उचित प्रबंधन की कमी है। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स परिसर में बना आइस स्केटिंग रिंक इसका उदाहरण है, जो शीतकालीन खेलों के बाद बेकार पड़ा है। यदि इन सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो उत्तराखंड भविष्य में भी अपनी सफलता दोहरा सकता है।

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