India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: उत्तरकाशी जिले में जंगलों में लगने वाली आग की रोकथाम और उससे निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह मॉक अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किया गया। इस दौरान उत्तरकाशी के तीन स्थानों साल्ड-जोकाणी मोटर मार्ग, एनआईएम बैंड और एनएच-34 गंगोरी को मॉक ड्रिल के लिए चयनित किया गया।

आग लगने के बनावटी परिदृश्य

मॉक ड्रिल के तहत इन तीनों स्थानों पर आग लगने के बनावटी परिदृश्य बनाए गए। सुबह 8 बजे से वनाग्नि की रोकथाम का यह अभ्यास शुरू हुआ। जैसे ही इन स्थानों से आग लगने की सूचना मिली, जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को तुरंत सक्रिय किया। उन्होंने इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) के तहत सभी जिम्मेदार अधिकारियों को केंद्र में पहुंचने के निर्देश दिए।

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आपात स्थिति से निपटने की तैयारियां

मॉक ड्रिल के निर्देशन के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल और आईआरएस से जुड़े सभी अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। इस अभ्यास में पुलिस, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना और विभिन्न विभागों ने सक्रिय भागीदारी की। इस दौरान आपात स्थिति में आग को नियंत्रित करने के तरीकों और संसाधनों की उपलब्धता को परखा गया।

देहरादून में मुख्यमंत्री ने लिया भाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित आईटी पार्क में आयोजित मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। उन्होंने वनाग्नि नियंत्रण में समुदाय की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना था।

तैयारियों की परखी गई क्षमता

इस मॉक ड्रिल से वनाग्नि की रोकथाम के लिए उत्तरकाशी जिले की तैयारियों को परखा गया। यह अभ्यास आपदा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मददगार साबित हुआ। भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए यह मॉक अभ्यास एक महत्वपूर्ण कदम है।

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