India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: मॉडल जिले चंपावत में जल संस्थान लोगों के निशाने पर आ गया है। लोहाघाट में हो रहे भीषण पेयजल संकट सिस्टम का दोष मानें या अधिकारियों की गलती, मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में लोहाघाट नगर के लोगों को चार से पांच दिन में भी नाम मात्र का पानी मिल पा रहा है, जिस कारण जनता में जल संस्थान के खिलाफ भारी आक्रोश पैदा हो गया है।
चुनाव जीतते ही पानी की समस्या का होगा समाधान
निकाय चुनाव में BJP प्रत्याशी की रिकॉर्ड जीत का आधार ही नगर की पेयजल समस्या का तुरंत समाधान करने का लोगों को भरोसा बना है। नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष गोविंद वर्मा नेवी जल संस्थान के कार्य प्रणाली पर आक्रोश जताया हैं। नगर के लोगों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विपिन गोरखा ने बताया कि नगर की पेयजल की प्रतिदिन 2070 किलोलीटर की जरूरत है।
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4 साल पहले खोदा ट्यूबवेल अब तक…
उन्होंने बताया कि इसके भंडारण के लिए 720 किलोलीटर क्षमता के टैक संस्थान के पास उपलब्ध हैं जबकि नए टैंक बनाने के लिए विभाग के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध हैं। इसके बावजूद भी बरसों से यही गीत गाया जा रहा है कि भंडारण की क्षमता कम होने से यहां बरसात में भी लोगों को चौथे दिन पानी मिल पाता है। गोरखा ने कहा कि यही नहीं बनस्वाड गधेरे में रायकोट मार्ग में 4 साल पहले लाखों रुपये खर्च कर ट्यूबवेल खोदा गया है, लेकिन उसे आज तक जल संस्थान के द्वारा चालू नहीं किया गया।
इस योजना से पेयजल की समस्या का होगा समाधान
उधर मुख्यमंत्री द्वारा सरयू लिफ्ट पेयजल योजना को स्वीकृत करने के बाद जल निगम द्वारा 106 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है। जल निगम के अधिशासी अभियंता बीके पाल के अनुसार डीपीआर में शासन स्तर पर लगी आपत्तियों को दूर किया जा चुका है। नगर के लोग सरयू लिप्ट पेयजल योजना के शीघ्र बनाने पर भी जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस लिफ्ट पेयजल योजना से ही लोहाघाट की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है तथा सीवर लाइन का भविष्य टिका हुआ है।
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लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी
बहरहाल, अभी नगर के लोगों के निशाने में जल संस्थान आ गया है, जिसकी कार्यशैली के चलते लोग आंदोलन का मूड बना चुके हैं। लोगों का साफ कहना है कि जल संस्थान पेयजल के लिए लोगों को परेशान कर मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है। वही जल संस्थान के अधिशासी अभियंता बिलाल यूनुस ने कहा कि नगर में पेयजल के समाधान के लिए तीन सोलर हैंड पंपों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है तथा जल्द ही रायकोट ट्यूबवेल योजना को शुरू किया जाएगा।
जल संकट को लेकर आक्रोश जता चुके हैं लोग
वहीं, नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष गोविंद वर्मा जल संकट को लेकर आक्रोश जता चुके हैं। कुल मिलाकर जनवरी, फरवरी में ही लोहाघाट में पेयजल के लिए हाहाकार मच गया है। लोग धारे नौलों व सोलर हैंड पंपो में दिनभर पानी भरते नजर आ रहे हैं। इस साल गर्मी बढ़ने के साथ-साथ लोहाघाट नगर में पेयजल की विकराल समस्या पैदा होने जा रही है। जल संस्थान व प्रशासन ने मामले का संज्ञान लेना चाहिए अन्यथा गर्मियों में स्थिति विस्फोटक हो सकती है।