India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: नैनीताल जिले के ज्योलीकोट-भवाली मार्ग पर खूपी गांव के पास भू-धंसाव से बनी गहरी दरारें और गड्ढे न केवल सड़क को बल्कि ग्रामीणों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं। प्रशासनिक उपेक्षा से परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद ही इन गड्ढों और दरारों को भरने का बीड़ा उठा लिया है।
भू-धंसाव से बढ़ा खतरा
खूपी गांव में भू-धंसाव के कारण सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें और गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों में बारिश का पानी भरने से हालात और बिगड़ गए हैं। ग्रामीणों को डर था कि दरारों से पानी गांव तक पहुंचकर घरों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस समस्या को लेकर उन्होंने कई बार विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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ग्रामीणों ने उठाया जिम्मा
थक-हार कर गांव के लोगों ने सड़क की मरम्मत खुद ही शुरू कर दी। पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी इस काम में जुट गए। किसी ने मलबा लाकर गड्ढों में डाला, तो किसी ने दरारों को भरने के लिए मिट्टी और पत्थरों का इंतजाम किया। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी जान जोखिम में नहीं डाल सकते, इसलिए अपने संसाधनों से काम शुरू कर दिया है।
प्रशासन का जवाब
विभाग के सहायक अभियंता रमेश पांडे ने कहा कि भू-धंसाव के कारण सड़क का स्थायी उपचार फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन जल्द ही गड्ढों और दरारों को अस्थायी रूप से भरा जाएगा ग्रामीणों का कहना है कि सरकार से लेकर प्रशासन तक हर कोई उनकी समस्या को नजरअंदाज कर रहा है। “हमसे टैक्स लेना नहीं भूलते, लेकिन हमारी सड़क ठीक करने की फुर्सत किसी को नहीं,” एक ग्रामीण ने कहा।