India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Forest Department: उत्तराखंड में गर्मियों के दौरान जंगलों में आग लगने की घटनाएं एक गंभीर समस्या बन जाती हैं। हर साल हजारों हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की चपेट में आकर नष्ट हो जाता है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। इस समस्या से निपटने के लिए उत्तराखंड वन विभाग ने एक आधुनिक फॉरेस्ट फायर एप्लिकेशन’ विकसित किया है, जो जंगलों में आग लगने की घटनाओं का तुरंत पता लगाकर तेज प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा।
कैसे काम करेगा यह एप?
यह एप रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और त्वरित अलर्ट सिस्टम से लैस है। जंगल में आग लगते ही यह एप वनकर्मियों और अधिकारियों को तुरंत सूचना भेजता है, जिससे वे समय पर आग बुझाने की कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा, एप में रंग-आधारित संकेत प्रणाली का उपयोग किया गया है:
– लाल रंग – आग लगी है और तेजी से फैल रही है।
-पीला रंग – वनकर्मी आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंच चुके हैं।
– हरा रंग – आग को सफलतापूर्वक बुझा दिया गया है।
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वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
इस एप को राज्यभर के 7,000 से अधिक वन कर्मचारियों और 40 अग्निशमन वाहनों* से जोड़ा गया है, जिससे आग बुझाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी वैभव सिंह ने इस एप को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई। 2020 से 2022 के बीच रुद्रप्रयाग में सफल परीक्षण के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया गया है। जंगलों में आग लगने से वन्यजीवों और स्थानीय समुदायों को भारी नुकसान होता है। इस एप की मदद से न केवल वन्यजीवों और उनके आवासों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि ग्रामीणों को समय रहते सतर्क किया जा सकेगा, जिससे उनकी जान-माल की रक्षा संभव होगी।
भविष्य में और भी उन्नत होगी यह तकनीक
वन विभाग इस एप को ड्रोन तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जोड़ने की योजना बना रहा है। इससे आग लगने की संभावना का पहले ही आकलन किया जा सकेगा और उचित कदम उठाए जा सकेंगे। उत्तराखंड वन विभाग की यह पहल वन संपदा और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एप जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने में मदद करेगा और प्रदेश को एक हरित व सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा।