संत प्रेमानंद महाराज का काफिला रात्रि दो बजे अपने शिष्यों के साथ श्रीराधाकेलि कुंज के लिए चलता है. इस दौरान सड़क के दोनों तरफ हजारों श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए खड़े हो जाते हैं. भजनों की धुन पर श्रद्धालु नाचते-गाते हैं और यहां तक सड़क पर भी पटाखे चलाते हैं. एनआरआई कॉलोनी इस पदयात्रा के रास्ते में ही पड़ती है. इसी कॉलोनी की महिलाओं का कहना है कि रात में प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा की वजह से पटाखों और भजनों की आवाज से उनकी नींद खराब होती है. घरों में बीमार और बुजुर्ग लोग भी हैं, कई महिलाएं स्कूल में पढ़ाती हैं. रात में इस तरह के शोर-शराबे से उनकी नींद खराब होती है और वह सुबह स्कूल नहीं जा पाती हैं. महिलाओं ने अपील की है कि स्थानीय लोगों की भलाई के लिए संत प्रेमानंद महाराज को यह पदयात्रा बंद कर देनी चाहिये.