इस शिव मंदिर के आगे टूटा था औरंगजेब का घमंड, उल्टे पांव भागकर बचाई थी जान
भारतीय इतिहास में औरंगजेब को एक क्रूर शासक के रूप में दर्शाया गया है।
इतिहास में यह भी उल्लेख है कि उसने कई मंदिरों को ध्वस्त किया और मस्जिदें बनवाईं।
एक मंदिर ऐसा भी था जिसे औरंगजेब ध्वस्त करने गया और उसे वापस लौटना पड़ा।
आज हम आपको उसी मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसको औरंगजेब ने तोड़ने की कोशिश की थीं और वहां से वापिस लौटना पड़ा था।
यह मंदिर कोई और नहीं बल्कि चित्रकूट में स्थित भगवान राम की तपोस्थली है।
औरंगजेब की सेना ने मंदाकिनी नदी के तट पर रामघाट पर स्थित महाराजाधिराज मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर के शिवलिंगों को हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की थी।
जब इन शिवलिंगों पर हथौड़ा चलाया गया तो औरंगजेब के सेनापति समेत पूरी सेना बेहोश हो गई।
जब शासक को इस बात का पता चला तो वह घबराकर बालाजी मंदिर पहुंचा।
इस घटना के बारे में मत्यगजेंद्रनाथ मंदिर के पुजारी विपिन तिवारी बताते हैं कि औरंगजेब ने बालाजी मंदिर के संत बालक दास से सेना को ठीक करने की प्रार्थना की थी।
इस पर बालक दास ने औरंगजेब से कहा कि तुम्हें लिखकर देना होगा कि तुम चित्रकूट के मंदिरों को नहीं तोड़ोगे।