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छोटी छोटी बच्चियों को भी नहीं बख्श रहे अधेड़ उम्र के मर्द, मुस्लिम देशों में बढ़ा बाल-विवाह का चलन

हाल ही में कुवैत ने विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी, इसके बावजूद इन देशों में यह समस्या गहराती जा रही है।

इसका कारण और कुछ और नहीं बल्कि कानूनी खामियां, सामाजिक रूढ़ियां और गरीबी है, जिसके कारण हजारों लड़कियां कम उम्र में विवाह करने को मजबूर हो रही हैं।

बता दे कि, कुवैत में 2024 में 1,145 नाबालिग विवाह पंजीकृत किए गए, जिनमें 1,079 लड़कियां और 66 लड़के शामिल हैं।

इराक में हाल ही में पारित कानूनों ने धार्मिक अदालतों को 9 साल की उम्र तक की लड़कियों की शादी को मंजूरी देने का अधिकार दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में 18 वर्ष से कम उम्र की 40 मिलियन लड़कियां दुल्हन हैं।

इतना ही नही, कम उम्र में गर्भधारण करने से जटिलताएँ और मातृ मृत्यु दर बढ़ जाती है।

और इसके अलावा, शादी के बाद लड़कियों की शिक्षा बाधित होती है, जिससे उनके जीवन में आर्थिक और सामाजिक अवसर सीमित हो जाते हैं।

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