हिंदू मंदिरों पर पाकिस्तान करेगा करोड़ों खर्च, अचानक क्यों जागी भगवा के प्रति आस्था?
पाकिस्तान में आए दिन हिंदू मंदिरों पर हमले की खबरें आती रहती हैं।
लेकिन अब पाकिस्तान सरकार हिंदू मंदिरों और गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार के लिए अरबों रुपये खर्च करने जा रही है।
पाकिस्तान सरकार ने मंदिरों और गुरुद्वारों के सौंदर्यीकरण के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत 1 अरब रुपये खर्च किए जाएंगे।
आजादी के बाद से अब तक सैकड़ों हिन्दू मंदिरों को या तो तोड़ दिया गया है या फिर उन्हें मदरसों में बदल दिया गया है।
आज हम आपको पाकिस्तान में मंदिरों की स्थिति के बारे में बताएंगे। हम जानेंगे कि बंटवारे के बाद कितने मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में आए और अब कितने बचे हैं।
देश की आजादी के बाद जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तो कई मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में आ गए।
बंटवारे के बाद पाकिस्तान के हिस्से में 428 मंदिर थे, लेकिन 1990 में 408 मंदिरों को रेस्टोरेंट, होटल या मदरसे में बदल दिया गया।
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की संख्या लगातार कम होती जा रही है और अब यहां सिर्फ 22 मंदिर बचे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कई मंदिरों का अस्तित्व मिट चुका है। इस्माइल खान ने कालीबाड़ी मंदिर में ताजमहज होटल बनवाया है।
खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में हिंदू मंदिर की जगह मिठाई की दुकान खोली गई। कोटा के शिव मंदिर में स्कूल चलाया जाता है।